शरीर को रखना है स्वस्थ तो विटामिन 'सी' का करे भरपूर इस्तेमाल
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खान-पान का कहा किसको इतना ध्यान रहता है। खासतौर से महिलाओ को, वो अपनी जिम्मेदारियों में इतना व्यस्त रहती है कि खान-पान का उनको याद ही नहीं रहता। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे जिम्मेदारियां भी बढ़ती है। उम्र बढ़ना और उसके साथ जिम्मेदारियां बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन इसके साथ ही आवश्यक है कि खान-पान का भी ध्यान रखे, ताकि स्वस्थ रहे, क्योकि खान-पान का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है।
आज हमने बात करने जा रहे है बहुत ही आवश्यक सप्लीमेंट विटामिन 'सी' की। विटामिन 'सी' शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत ही आवश्यक सप्लीमेंट्स है। विटामिन 'सी' जल में घुलनशील होता है, इस वजह से इसको संरक्षित करके नहीं रखा जा सकता है। इसलिए आवश्यक है कि प्रतिदिन इसे खाने में शामिल किया जाए।
विटामिन 'सी' से होने वाले फायदे
1. गर्भावस्था के दौरान
गर्भावस्था के दौरान महिलाओ को स्वयं का ख्याल और बढ़ रहे शिशु का ख्याल रखने में विटामिन 'सी' का महत्वपूर्ण योगदान होता है, इस दौरान अगर महिलाए विटामिन 'सी' का सेवन सही तरीके से करती है तो गर्भावस्था सम्बन्धी बहुत सारी परेशानिया कम हो जाती है। विटामिन 'सी' की मात्रा विटामिन 'सी' सप्लीमेंट्स और खान-पान दोनों से पूरी की जा सकती है।
2. स्तनपान के दौरान
गर्भावस्था के दौरान की अपेक्षा स्तनपान के दौरान महिलाओ को ज्यादा विटामिन 'सी' की आवश्यकता होती है। जिन बच्चो को विटामिन 'सी' की मात्रा पर्याप्त मात्रा में मिलती है, वो जल्दी बीमार नहीं पड़ते है। आप सब ने अपने आप-पास देखा होगा कि कुछ बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते है और कुछ बच्चे कभी-कभार ही बीमार पड़ते है। बच्चो के स्वस्थ रहने में विटामिन 'सी' का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
3. ह्रदय रोग के खतरे में कमी
विटामिन 'सी' की पर्याप्त मात्रा ह्रदय रोग के खतरे कम करने में बहुत आवश्यक होती है। इसको ह्रदय रोग का खतरा कम करने वाला भी माना जाता है। यह रक्त में ह्रदय रोग उत्पन्न करने वाले कारको, जैसे कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल कोलेस्ट्रॉल) और खून में पाए जाने वाले वसा (ट्राइग्लिसराइड्स) का प्रभाव कम कर सकता है।
4. तनाव और उच्च रक्तचाप के लिए
जैसा की हम सभी जानते है कि तनाव शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है। यह शरीर की विभिन्न प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। जैसे कि हार्मोन्स का निर्माण, मासिक चक्र, पुरुषो-महिलाओ में प्रजनन क्षमता, पाचन क्रिया आदि। विटामिन 'सी' तनाव वाले हार्मोन्स को कम करता है। इसके नियमित सेवन से असामान्य उच्च रक्तचाप को भी कम किया जा सकता है।
उम्र के आधार पर विटामिन 'सी' की जरुरत
किशोरी (13 से 15 वर्ष)................................................66 मिग्रा प्रतिदिन
युवा (16 से 18 वर्ष)......................................................68 मिग्रा प्रतिदिन
महिलाए .....................................................................65 मिग्रा प्रतिदिन
गर्भवती महिलाए .........................................................80 मिग्रा प्रतिदिन
स्तनपान कराने वाली महिलाए ....................................115 मिग्रा प्रतिदिन
इन फल और सब्जियों से प्राप्त करे विटामिन 'सी'
नींबू, टमाटर और आलू विटामिन 'सी' के प्रमुख योगदान करता है। अन्य अच्छे खाद्य स्त्रोतों में शामिल है लाल और हरी शिमला मिर्च, कीवी, ब्राकोली, स्ट्राबेरी और खरबूज। कुछ ऐसे मौसमी फल होते है जिनमे संतरे और नींबू से ज्यादा विटामिन 'सी' होता है, इनमे अमरुद, आम और पपीता शामिल है। अमरुद में 376 मिग्रा, आम में 120 मिग्रा और पपीते में 96 मिग्रा तक विटामिन 'सी' होता है। वो कहते है न मौसमी फल जरूर खाना चाहिए। हर मौसम के फल में अपना एक अलग-अलग गुण होता है, जो किसी न किसी माध्यम से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है।

